उसके होठों पर सूख चुकी पपड़ी पर खून का धब्बा है
उसके बाएं स्तन पर खरोंच का निशान
दाईं जांघ पर रगड़ का
एक फूल है लगातार जलता हुआ
लगातार उठते हुए धुंए से
उसकी आत्मा की दीवार का रंग बदल चुका है
अब उस पर उसकी रसोईघर की दीवार का रंग चढ़ चुका है
उसका दाहिना हाथ अथाह अंधेरे में लटका हुआ है अकेला
थाम लेने की अंतहीन इच्छा में स्थिर
उसके चेहरे का हरा निशान धुंधला चुका है
जो हमेशा के लिए गहरा गया है उसकी आत्मा के एक कोने में
उसके बाएं स्तन पर खरोंच का निशान
दाईं जांघ पर रगड़ का
एक फूल है लगातार जलता हुआ
लगातार उठते हुए धुंए से
उसकी आत्मा की दीवार का रंग बदल चुका है
अब उस पर उसकी रसोईघर की दीवार का रंग चढ़ चुका है
उसका दाहिना हाथ अथाह अंधेरे में लटका हुआ है अकेला
थाम लेने की अंतहीन इच्छा में स्थिर
उसके चेहरे का हरा निशान धुंधला चुका है
जो हमेशा के लिए गहरा गया है उसकी आत्मा के एक कोने में
पीली तितलियां हैं उसकी आंखों की पुतलियों में
एक पीला फूल है आत्मा के सरोवर में
कभी वहां धूप आती है तो सरोवर के सांवले होते पानी में
और पीला होकर चमकने लगता है फूल
एक पीला फूल है आत्मा के सरोवर में
कभी वहां धूप आती है तो सरोवर के सांवले होते पानी में
और पीला होकर चमकने लगता है फूल
(पेंटिंग ः मिथुन दत्ता)
9 comments:
bahut badiyaa abhiviyakti hai bdhai
बहुत ख़ूब, सुन्दर प्रस्तुति
------
गुलाबी कोंपलें | चाँद, बादल और शाम
मन को झंकझोर देने वाली कविता
hi really touching poem..keep writing the same.
by the way would like to know that, which application are u using for typing in Hindi..? is it easy to type..? or we have to follow any tables..? will u tell me...?
निशब्द कर दिया इस रचना ने ..
पीली तितलियां हैं उसकी आंखों की पुतलियों में
एक पीला फूल है आत्मा के सरोवर में
कभी वहां धूप आती है तो सरोवर के सांवले होते पानी में
और पीला होकर चमकने लगता है फूल
बेहतरीन हैं यह
aapne to apni kavita se dil mein ghur kar liya..
bahut zinda kavita hai bhai,maza aa gaya
उसकी आत्मा की दीवार का रंग बदल चुका है
अब उस पर उसकी रसोईघर की दीवार का रंग चढ़ चुका है
उसका दाहिना हाथ अथाह अंधेरे में लटका हुआ है अकेला
थाम लेने की अंतहीन इच्छा में स्थिर
उसके चेहरे का हरा निशान धुंधला चुका है
जो हमेशा के लिए गहरा गया है उसकी आत्मा के एक कोने में
bahut badhiya kavita hai.
bhasha ke ek naye lok me le jati hai.badhai.
यदि आह भर के चुप हो जाने के लिये कोई symbol होता तो बस उसे छोड़ दिया होता, इस पोस्ट के बाद....!
Post a Comment