Wednesday, March 18, 2009

मालवा के रंगों से सराबोर होता गुलाबी शहर -2











इमेजेसः
१। मीरा गुप्ता की पेंटिंग
२। मुकुंद केतकर का मूर्तिशिल्प
३। मीरा गुप्ता
४। मनीष रत्नपारखे का अमूर्त चित्र
५. मनीष रत्नपारखे
इसके पहले वाली पोस्ट में लगी इमेजेस क्रमशः
१। मुकुंद केतकर
२। रूपेश का बुल
३। रूपेश शर्मा
४। शभनम का अमूर्त चित्र
५. शबनम शाह

4 comments:

sarita argarey said...

कलाकृति को देखकर कलाकार की अनगढ़ सी छबि दिमाग में उभर आती है । मन उत्सुक हो जाता है फ़नकार के बारे में जानने के लिए । आपने उस जिज्ञासा का समाधान कर दिया ,मगर अधूरा ..। कलाकार के बारे में भी कुछ जानकारी दे देते ,तो सोने पर सुहागा ।

ओम आर्य said...

Main aapki chitra-pradarshni dekhne nahi aa paya,shahar se bahar hone ke kaaran, afsos rahega jab tak ki dekh na loon fir kabhi.

दिनेशराय द्विवेदी said...

दर्शन कराने को धन्यवाद। मूर्ति शिल्प काबिले तारीफ है। जी चाहता है घर ले जाऊँ।

Bahadur Patel said...

bahut badhiya hai ravindra bhai.